नहीं।

1. प्रात: कालीन दर्शन 7.00 बजे से 11.00 बजे तक
2 . दोपहर के दर्शन 12.00 बजे से 6.50 तक (नोट: सोमवार, बुधवार एवं शुक्रवार को श्री बालाजी के विशेष श्रृंगार (चोला चढाने) हेतु सांय 4:00 बजे से 6:00 बजे तक दर्शन बंद रहते हैं)
3. सायं कालीन दर्शन 6.50 बजे से 9.00 बजे तक”

यह राजस्थान के दौसा जिले में, जयपुर-आगरा राष्ट्रीय राजमार्ग (NH-21) पर स्थित है। मंदिर जयपुर से लगभग 100 किलोमीटर, आगरा से लगभग 200 किलोमीटर और दिल्ली से लगभग 250 किलोमीटर की दूरी पर है।

यह मंदिर दैवीय शक्तियों से ऊर्जित एक प्रसिद्ध तीर्थस्थल है, जहाँ लगभग 1000 वर्ष पूर्व स्वयं प्रकट हुए हनुमान जी अपने बाल रूप में विराजे हैं। यह मंदिर मानसिक और शारीरिक विकारों से मुक्ति के लिए जाना जाता है, जो श्री बालाजी के दर्शन मात्र से दूर हो जाते हैं।

मंदिर रोज सुबह 6:00 बजे से रात 9:00 बजे तक खुला रहता है।

जी हाँ, आप सप्ताह के किसी भी दिन मंदिर आ सकते हैं। मंदिर हर दिन खुला रहता है।

नहीं, श्री मेहंदीपुर बालाजी मंदिर में प्रवेश के लिए कोई शुल्क नहीं है।

आप जयपुर, आगरा, दिल्ली या अन्य स्थानों से बस, टैक्सी, या ट्रेन द्वारा पहुँच सकते हैं।

श्री मेहंदीपुर बालाजी मंदिर में भक्त मानसिक और शारीरिक कष्टों, भूत-प्रेत बाधाओं से मुक्ति, और जीवन में सुख, शांति व समृद्धि के लिए प्रार्थना करते हैं।

नहीं, मंदिर के अंदर फोटोग्राफी और वीडियो रिकॉर्डिंग की अनुमति नहीं है।

नहीं, मंदिर के पुजारी बीमार लोगों की कोई सहायता प्रदान नहीं करते हैं। श्रद्धापूर्वक दर्शन पर्याप्त है।

हाँ, मंदिर में व्हीलचेयर की सुविधा नि:शुल्क उपलब्ध है। कृपया इसके लिए मंदिर कार्यालय से संपर्क करें।

मंदिर में विशेष रूप से हनुमान जन्मोत्सव, होली और दशहरा मनाए जाते हैं, जिनमें विशेष श्रृंगार, भोग और अभिषेक किया जाता है।

नहीं, भक्तों से केवल श्रद्धापूर्वक दर्शन करने और अनुशासन बनाए रखने की उम्मीद की जाती है।

नहीं, मंदिर में दर्शन के लिए कोई विशेष ड्रेस कोड नहीं है।

“आमतौर पर:

  • 1. प्रात: कालीन दर्शन 7.00 बजे से 11.00 बजे तक
  • 2 . दोपहर के दर्शन 12.00 बजे से 6.50 तक
  • (नोट: सोमवार, बुधवार एवं शुक्रवार को श्री बालाजी के विशेष श्रृंगार (चोला चढाने) हेतु सांय 4:00 बजे से 6:00 बजे तक दर्शन बंद रहते हैं)
  • 3. सायं कालीन दर्शन 6.50 बजे से 9.00 बजे तक”

नहीं, श्री मेहंदीपुर बालाजी मंदिर में दर्शन के लिए टिकट खरीदने की कोई आवश्यकता नहीं है।

मंदिर में कोई विशेष पूजा नहीं होती है। भक्त स्वयं अपनी श्रद्धा-भक्ति से श्री बालाजी का दर्शन कर अपने कर्म का लाभ प्राप्त करते हैं।

1. सुबह की आरती 6.00 बजे से 6.40 तक
2. शाम की आरती 6.50 से 7.30 तक

नहीं, आरती के समय दर्शन बंद रहते हैं। सभी अपने-अपने स्थान पर स्थित रहकर आरती में शामिल होते हैं।

नहीं |

नहीं |

नहीं।

नहीं।

सवामणी प्रसाद भगवान बालाजी को चढ़ाये जाने वाला एक विशेष प्रसाद है जिसमें 1.25 क्विंटल पका हुआ भोजन चढ़ाया जाता है।

आप सवामणी प्रसाद मंदिर कार्यालय में या ऑनलाइन बुक कर सकते हैं। लिंक: https://shribalajimehandipur.org/balaji/

आप राजभोग, छप्पन भोग, लड्डू-पूरी, हलवा-पूरी जैसी विभिन्न प्रकार की सवामणी चढ़ा सकते हैं।

1. राजभोग –
2. छप्पन भोग –
3. लड्डू-पूरी सवामणी –
4. स्पेशल लड्डू-पूरी सवामणी –
5. चूरमा पूरी सवामणी –
6. हलवा-पूरी सवामणी –

हाँ, आप इस बारे में मंदिर कार्यालय से भी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

सवामणी प्रसाद के बारे में अधिक जानकारी और इसकी ऑनलाइन बुकिंग https://shribalajimehandipur.org/balaji/ वेबसाइट पर उपलब्ध है।

हाँ, आप अपने जन्मदिन, विवाह, या अन्य विशेष अवसरों पर अपनी श्रद्धानुसार सवामणी प्रसाद चढ़ाते हैं।

हाँ, आप त्योहारों के दौरान भी सवामणी प्रसाद चढ़ा सकते हैं, लेकिन इसे पहले से बुक करना बेहतर होता है।

सवामणी प्रसाद श्री बालाजी को चढ़ाए जाने के बाद इसे चढाने वाले भक्त को दे दिया जाता है।

हाँ, भक्त सवामणी प्रसाद चढ़ाने के बाद इसे अपने परिजनों के साथ ग्रहण कर सकते हैं और इसे अपने साथ घर भी ले जा सकते हैं।

छप्पन भोग सवामणी एक विशेष प्रकार का प्रसाद है जिसमें 56 प्रकार के भोजन पकवान श्री बालाजी को चढ़ाये जाते हैं। अधिक जानकारी के लिए आप मंदिर कार्यालय से संपर्क कर सकते हैं।

हाँ, सवामणी प्रसाद श्री बालाजी को सुबह 12:30 बजे चढ़ाया जाता है।

सवामणी प्रसाद सप्ताह के सभी दिन चढ़ाया जा सकता है।

हाँ, आप किसी और के नाम से भी सवामणी प्रसाद बुक कर सकते हैं।

हाँ, सवामणी प्रसाद पहले से बुक करना आवश्यक है ताकि सही समय पर इसकी व्यवस्था हो सके|

नहीं, मंदिर सवामणी प्रसाद की होम डिलीवरी की सुविधा प्रदान नहीं करता है।

सवामणी प्रसाद बुकिंग रद्द नहीं की जा सकती है।

हाँ, सवामणी प्रसाद चढ़ाने के लिए रसीद दी जाती है।

नहीं, सवामणी प्रसाद का समय मंदिर के नियमों के अनुसार ही निर्धारित होता है।

नहीं, सवामणी प्रसाद चढ़ाने के लिए कोई विशेष पूजा या अनुष्ठान नहीं है।

ऐसी स्थिति में आपका सवामणी प्रसाद श्री बालाजी को चढ़ा दिया जाएगा, लेकिन उसका वितरण नहीं हो पाएगा।

हाँ, आप मंदिर में अपने साथ प्रसाद ला सकते हैं। नारियल, मिठाई, और फल जैसे सात्विक प्रसाद स्वीकार किए जाते हैं।

नहीं, मंदिर में भोजन प्रसादी की व्यवस्था नहीं है।

नहीं, मंदिर का प्रसाद अलग से प्राप्त करने की व्यवस्था नहीं है।

श्री बालाजी को यथाशक्ति व श्रद्धा से सात्विक प्रसाद जैसे फल, मिठाई, और नारियल आदि चढ़ाने की मान्यता है।

हाँ, आप अपने घर से शुद्ध और सात्विक प्रसाद बनाकर मंदिर में ला सकते हैं।

मंदिर का मुख्य प्रसाद लड्डू, फल और नारियल आदि होते हैं, जिसे भक्त भगवान बालाजी को अर्पित करते हैं।

हाँ, आप अपने परिवार के सदस्यों के लिए प्रसाद ले जा सकते हैं जो मंदिर नहीं आ सके।

हाँ, आप मंदिर का प्रसाद दूसरों को भी दे सकते हैं, यह शुभ माना जाता है।

आप मंदिर में नकद, चेक, या वस्त्र, भोजन सामग्री जैसी आवश्यक वस्तुएं दान कर सकते हैं।

हाँ, आप मंदिर की आधिकारिक वेबसाइट के माध्यम से ऑनलाइन दान कर सकते हैं। वेबसाइट लिंक: https://shribalajimehandipur.org/

सफल दान के बाद आपको एक पुष्टिकरण संदेश मोबाइल पर प्राप्त होगा, जिसमें आपकी दान की जानकारी होगी।

हाँ, दान के लिए आपको रसीद प्रदान की जाएगी, चाहे आप ऑनलाइन या व्यक्तिगत रूप से दान करें।

हाँ, आपका दान मंदिर के रख-रखाव और सेवा कार्यों में इस्तेमाल किया जाता है।

हाँ, मंदिर को किया गया दान कर कटौती योग्य हो सकता है, इसके लिए आपको रसीद प्राप्त करनी होगी।

हाँ, आप किसी और के नाम से भी दान कर सकते हैं।

आप मंदिर की वेबसाइट के माध्यम से ऑनलाइन दान कर रसीद प्राप्त कर सकते हैं।

हाँ, मंदिर विदेशी मुद्रा में भी दान कर सकते हैं।

आप श्री मेहंदीपुर बालाजी मंदिर तक बस, ट्रेन, टैक्सी, या निजी वाहन से पहुंच सकते हैं। यह जयपुर-आगरा राष्ट्रीय राजमार्ग (NH-21) पर स्थित है।

मंदिर के सबसे नजदीक जयपुर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा है, जो लगभग 100 किलोमीटर दूर है।

हाँ, आप ट्रेन से मंदिर के पास के रेलवे स्टेशन तक जा सकते हैं। फिर वहां से आपको बस या टैक्सी लेनी होगी।

मंदिर के पास बांदीकुई जंक्शन और हिंडौन सिटी रेलवे स्टेशन प्रमुख हैं। जहां से मंदिर लगभग 40 किलोमीटर दूर स्थित है।

हाँ, बांदीकुई जंक्शन से मंदिर तक सार्वजनिक परिवहन है और टैक्सी सेवाएं भी उपलब्ध हैं।

हाँ, मंदिर तक जयपुर, आगरा व अन्य कई जगहों से नियमित बस सेवाएं उपलब्ध हैं।

नहीं, मंदिर द्वारा ठहराने की कोई व्यवस्था नहीं की जाती है।

मंदिर के आसपास कई धर्मशालाएं और होटल उपलब्ध हैं।

हाँ, मंदिर के आस-पास नाश्ते और खाने के लिए अनेक भोजनालय हैं।

हाँ, जयपुर से मंदिर तक प्राइवेट टैक्सी की सुविधा आसानी से मिलती है।

हाँ, मंदिर के पास बैंक और एटीएम की सुविधा उपलब्ध है।

श्री मेहंदीपुर बालाजी मंदिर में प्रमुख रूप से हनुमान जयंती, होली, और दशहरा जैसे त्यौहार मनाए जाते हैं।

हनुमान जन्मोत्सव हर साल चैत्र मास की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। अगला पर्व 12 अप्रैल 2025 को मनाया जाएगा।

हाँ, त्यौहारों के दौरान मंदिर में विशेष पूजा, श्रृंगार, भोग, और अभिषेक आदि किए जाते हैं।

नहीं, त्यौहारों के कार्यक्रमों में शामिल होने के लिए कोई शुल्क नहीं है।

हाँ, मंदिर का विशेष प्रसाद सवामणी है, आप इसे चढ़ा सकते हैं अन्यथा आप श्रद्ध्हापूर्वक लड्डू, फल, और अन्य सात्विक भोजन भी चढ़ा सकते हैं।

नहीं, त्यौहारों के कार्यक्रमों में शामिल होने के लिए कोई विशेष ड्रेस कोड नहीं है। आप अपनी पसंद के शालीन और पारंपरिक कपड़े पहन सकते हैं।

त्यौहारों के दौरान मंदिर में भंडारे का आयोजन किया जा सकता है और तब इसकी सूचना भक्तों को मंदिर में दी जाती है।

नहीं, मंदिर की तरफ से ऐसी कोई व्यवस्था नहीं की जाती है।

हाँ, मंदिर में प्राथमिक चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध हैं।

हाँ, मंदिर के आस-पास डॉक्टर व चिकित्सालय उपलब्ध हैं।

हाँ, भक्तों को मंदिर में शांतिपूर्ण माहौल बनाए रखना चाहिए और मंदिर के निर्देशों का पालन करना चाहिए।

हाँ, मंदिर में ज़रूरतमंद लोगों के लिए नि:शुल्क व्हीलचेयर की सुविधा है।

हाँ, मंदिर में कई आपातकालीन निकास हैं।

खोया-पाया सेवा के लिए आपको मंदिर ऑफिस में संपर्क करना होगा।

वर्तमान में मंदिर में मास्क अनिवार्य नहीं है, आप अपनी सुविधा से इसका इस्तेमाल कर सकते हैं।

आप तुरंत मंदिर के कर्मचारियों या सुरक्षा गार्ड को सूचित करें, वे मदद करेंगे।

हाँ, आप अपनी व्हीलचेयर या वॉकिंग स्टिक मंदिर में ले जा सकते हैं।

मंदिर में भक्तों को अपनी सुविधानुसार शालीन और पारंपरिक कपड़े पहनने चाहिए।

मंदिर के अंदर फोटो या विडियो लेने की अनुमति नहीं है।

नहीं, मंदिर के अंदर मोबाइल फोन का उपयोग प्रतिबंधित है। कृपया फोन को स्विच ऑफ रखें।

हाँ, आप केवल शुद्ध और ताजे फूल, नारियल, और सात्विक सामग्री ही चढ़ा सकते हैं।

नहीं।

हाँ, आप फूल और नारियल चढ़ावे के लिए मंदिर ले जा सकते हैं।

हाँ, आप छोटे बैग या पर्स ला सकते हैं, लेकिन बड़े बैग की अनुमति नहीं है।

नहीं, लेकिन भक्तों को इस दौरान मंदिर द्वारा की गयी व्यवस्था का पालन करना होता है।

आरती के दौरान दर्शन बंद रहते हैं और भक्त अपने-अपने स्थान पर ही रहकर आरती में शामिल होते हैं।

हाँ, मंदिर में चढ़ाए गए प्रसाद और फूल को भक्त श्री बालाजी के आशीर्वाद के रूप में घर ले जाते हैं।